Wednesday, February 3, 2010
नया सवेरा
जय श्री गणेशाय नमः... अब आप सोच रहे होंगे की मैंने गणेश भगवान का नाम क्यों लिया तो भाई किसी नए काम को शुरू करने से पहले गणेशजी का नाम तो लिया ही जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से मेरे जीवन में भी तो एक नया अध्याय जुड़ रहा है। वाकई आज के इस आधुनिक युग में अपने विचारों को दूसरों के साथ बाँटने के इससे सशक्त माध्यम कोई और नहीं हो सकता है। कुछ समय पहले तक मैं ब्लॉग के विषय में कम ही जानता था, लेकिन जब मैंने अपने एक दोस्त का ब्लॉग देखा तो उसी पल ब्लॉग बनाने का निर्णय कर लिया। आखिर मुझे भी तो समय के साथ चलना है। बस उसी समय कंप्यूटर पर बैठा और बना डाला एक ब्लॉग। सोचा जब कल बन सकता है तो आज बनाने में क्या हर्ज है? वैसे भी कहते हैं जब जागो तभी सवेरा... यही सोच कर मैंने अपने ब्लॉग का नाम रखा 'नया सवेरा'। खैर यह तो मजाक की बात है सच कहू तो मैंने अपनी इस छोटी सी ज़िन्दगी में कई ऐसे लोगों को देखा है जो अपने जीवन में कई अवसर सिर्फ यह सोच कर खो देते हैं कि उन्हें लगता है कि उनकी तैयारी पूरी नहीं है, वह नौकरी की परिस्थिति से कैसे निपटेंगे, अगर इंटरव्यू में कुछ पूछ लिया तो???
मेरा एक दोस्त है... मांफी चाहूँगा उसका नाम नहीं बता सकता। हम दोनों ने एक साथ पढाई पूरी की। हम दोनों एक साथ नौकरी ढूंढने निकलते थे। कई संस्थानों के चक्कर काटने के बाद एक दिन एक जगह से हमारे पास फ़ोन आया। इंटरव्यू के लिए जाना था लेकिन उसने मना कर दिया। मैंने पूछा क्यों नहीं जाना इंटरव्यू में? उसने कहा कि उसकी तैयारी पूरी नहीं है। मैंने उसे बहुत समझाया कि तू यह क्यों सोच रहा है कि जो तुझे नहीं आता है वही पूछा जायेगा तुझसे...जो तुझे पता है वो ही पूछ लिया तो?? लेकिन वह नहीं माना। यही सोच कर कि उसकी तैयारी पूरी नहीं है वह पिछले तीन साल से नौकरी की तैयारी मैं लगा है और आज भी इंटरव्यू के नाम से घबराता है। मुझे दुःख होता है कि उसके जूनियर नौकरी कर रहे है और वह उनसे यह सोच कर नज़रें नहीं मिला पाता कि वो उससे पूछेंगे तो वह क्या जबाव देगा। दोस्त ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती है। यह तो एक अथाह समुद्र है, इसमें से जितनी बूँद पी ली जाये उतनी ही कम हैं। जब तक तीर को कमान पर नहीं चढाया जाता तब तक निशाना नहीं लगता। एक बार तीर को कमान पर चढाओ और निशाना लगाओ। एक बार...दो बार...तीन बार आखिर कब तक विफल होगे??? इसके बाद तो निशाना लग ही जायेगा। अगर आपको निशानेबाज बनना है और तीर को कमान पर चढाने से यह सोच कर दर लगता है कि निशाना न लगा तो??? बस इस 'तो' को अपनी जिंदगी से निकाल फेंकिये और देखिये कि सफलता आपके सामने खड़ी है। तो मेरे भाई जब तक इसी तरह घबराते रहोगे तो किसी काम की शुरुआत ही नहीं हो पायेगी। इसलिए बिना घबराये आग के दरिया में कदम रख दो और विश्वास करो वह पार अपने आप हो जायेगा। तो अभी पुराने ख्यालों को भूल कर उठो और नए सवेरे के साथ कोई भी काम लेकिन काम शुरू करो।
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ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है .........इस नए सवेरा का साथ हिंदी ब्लॉग में एक और अध्याय जुड़ गया .........आपके विचार प्रेरणा स्रोत है .
ReplyDeleteब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है.......
ReplyDeleteब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है,नए सवेरा के साथ नयी शुरुवात...
ReplyDeleteVIKAS PANDEY
apka swagat hai
ReplyDeletewelcome to the world of blog
ReplyDeletehello,mai ritu, up se hun.aap ka blog padha achha gala, khaas kar hindi...............
ReplyDeletebloging ki duniyaa me swagat hai.
ReplyDeleteमाणिक
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